Technology & Innovation Artificial intelligence
By ANAND KUMAR GUPTA
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है?

हम मनुष्यों को इस पृथ्वी में सबसे सर्वोच्च बनाने वाली चीज है, इंटेलिजेंस अर्थात बुद्धि. इसने हमारी स्किल इम्प्रूव करने और मानव सभ्यता की स्थापना में सबसे अहम भूमिका निभाई है। आज अगर इंसानो ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इतना विकास किया है, तो उसमें हमारे ह्यूमन ब्रेन का सबसे बड़ा हाथ है। अपनी इस बुद्धि के बल पर इंसानो ने कई अविष्कार किये है और हर अविष्कार ने मनुष्यो की जिंदगी को एक नई दिशा दी है। जब कंप्यूटर बने थे तो किसी से सोचा तक नही था कि हम भविष्य में स्मार्टफोन जैसी किसी चीज का इस्तेमाल कर पाएंगे।

लेकिन आज यह हमारी जिंदगी का हिस्सा ही नही बल्कि हमारे किसी भी काम मे बहुत मदद करता है। पिछले कुछ सालों में टेक्नोलॉजी को एक अलग स्तर में ले जाने के लिये कंप्यूटर साइंस के कुछ साइंटिस्ट ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कांसेप्ट को दुनिया के सामने रखा था। इसका मूल मकसद ऐसे कंप्यूटर कंट्रोल्ड रोबोट या सॉफ्टवेयर बनाना था जो इंसानो की तरह सोच कर किसी समस्या का हल निकाल सके।

लेकिन कई दूसरे साइंटिस्ट्स का मानना है कि टेक्नोलॉजी में इस तरह के डेवलपमेंट मशीनो को सुपर इंटेलिजेंस बना सकता है जो आगे चलकर मानव अस्तित्व के लिए खतरा पैदा करेगा। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस या मशीन लर्निंग इंसानो के लिए कितनी फायदेमंद होगी यह तो आने वाला भविष्य ही बताएगा। फिलहाल अभी हम आपको बताते है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है?

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” कंप्यूटर साइंस की एक शाखा है, जो ऐसी मशीनों को विकसित कर रही जो मनुष्यो की तरह सोच सके और कार्य कर सके।
जैसे: आवाज की पहचान, समस्या को सुलझाना, लर्निंग और प्लानिंग. यह मनुष्यों और जानवरों के द्वारा प्रदर्शित प्राकृतिक बुद्धि के विपरीत मशीन द्वारा प्रदर्शित इंटेलिजेंस है। इसके द्वारा एक ऐसे कंप्यूटर कंट्रोल्ड रोबोट या सॉफ्टवेयर बनाने की योजना है, जो वैसे ही सोच सके जैसे ह्यूमन माइंड सोचता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग से ऐसी मशीने बन रही है, जो अपने एनवायरनमेंट के साथ इंटरैक्ट करके प्राप्त डाटा पर खुद बुद्धिमानी से कार्य कर सकती है। यानी अगर फ्यूचर में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और मजबूत होता है, तो यह हमारे दोस्त जैसा होगा। अगर आपको कोई प्रॉब्लम आयेगी तो उसके लिए क्या करना है यह आपको खुद सोच कर बतायेगा।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के जनक

कई शोध के बाद अंततः जिस व्यक्ति ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की नींव रखी वह थे एक अमेरिकन साइंटिस्ट: John McCarthy 

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के उदाहरण

1. सीरी (Siri)

सीरी के बारे में शायद आपने जरूर सुना होगा यह एप्पल कंपनी द्वारा पेश किया गया सबसे लोकप्रिय आभासी सहायक (virtual assistant) है। हालांकि यह सिर्फ एप्पल कंपनी में उपलब्ध है,  यह आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का सबसे बेहतरीन उदाहरण है, इससे बस आप "हे सीरी" बोलिये और यह आपके लिए मैसेज भेज सकता है, इंटरनेट पर इनफार्मेशन ढूंढ सकता है, फ़ोन कॉल कर सकता है, कोई भी एप्लीकेशन ओपन कर सकता है यहां तक कि टाइमर सेट व कैलेंडर में इवेन्ट सेव करने जैसे कामो में आपकी सहायता कर सकता है।

2. टेस्ला (Tesla)

न केवल स्मार्टफोन बल्कि ऑटोमोबाइल भी आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की ओर बढ़ रहे है। अगर आप एक कार गीक है, तो आप टेस्ला के बारे में जानते होंगे। यह अब तक उपलब्ध सबसे बेहतरीन ऑटोमोबाइल में से एक है। टेस्ला में न केवल स्वयं ड्राइविंग बल्कि उत्पादक क्षमताओं और पूर्ण तकनीकी नवाचार जैसे फीचर उपलब्ध है। ऐसी ही न जाने कितनी सेल्फ ड्राइविंग गाड़ियाँ हैं।

3. गूगल मैप्स (Google Maps)

वैसे गूगल कई क्षेत्र में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करता है। लेकिन गूगल मैप्स में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का अच्छा इस्तेमाल हुआ है। हमको किसी भी जगह का रास्ता बताने के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस मैपिंग के साथ giant’s technology सड़क जानकारी को स्कैन करती है और अल्गोरिथ्म्स का प्रयोग करके सही रूट को हमे बताती है। अभी गूगल ने अपनी वॉइस असिस्टेंट में सुधार करके और रियल टाइम में संवर्धित वास्तविकता नक्शे बनाकर अपने गूगल मैप्स में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस को और आगे बढ़ाने की योजना बनाई है।

5. एमाज़ॉन एको (Echo)

एको को एमाज़ॉन द्वारा लांच किया गया था। यह एक ऐसा क्रांतिकारी प्रोडक्ट है, जो आपके सवालो के जवाब दे सकता है, आपके लिए ऑडियो-बुक पढ़ सकता है, आपको ट्राफिक और मौसम का हाल बता सकता है, लोकल बिज़नेस के बारे में जानकारी उपलब्ध करा सकता है तथा स्पोर्ट्स स्कोर भी प्रदान कर सकता है।


आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के लक्ष्य

  • निर्णय लेने की शक्ति बढ़ाना: आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का प्रथम लक्ष्य यही है, कि मनुष्यो की तरह सोचने वाली थिंकिंग मशीन को बनाया जाये।
  • कार्य में कुशलता: इनका मूल मकसद आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस को ऐसा बनाना है ताकि वो किसी भी कार्य को न्यूनतम गलती के साथ तेजी से कर पाये।
  • समय की बचत: जाहिर सी बात है, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस मनुष्यो की तुलना में काफी अधिक तेजी से काम कर सकता है। क्योंकि यह एक प्रकार की मशीन है, इसलिए यह काम करने में कभी नही थकता और हमारी तरह कभी ब्रेक भी नही लेता। इस विषय को देखते हुवे कई ऐसी आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस मशीन बनाई जा रही है, जो जल्द ही मनुष्यों की जगह ले लेगी।

तो कुल मिलाकर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस एक्सपर्ट का मानना है कि यह भविष्य में कुछ भी करने में सक्षम होगा। यह किसी भी काम को इंसानो से बेहतर कर पायेगा।

About the author

Anand Kumar Gupta is an educator in India. All views expressed are personal.

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