Classroom Learning कैसे करें कहानी पर चर्चा
By Satya Pal Singh
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हम शिक्षक वर्षों से कई शिक्षण रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं। कहानियों को पढ़ाना आसान लगता है, लेकिन कहानियों पर आलोचनात्मक रूप से सोचने में छात्रों की मदद करने के लिए सही प्रश्नों का उपयोग करना भी महत्वपूर्ण है। हाल ही में, मैंने अपने एक सहयोगी के लिए एक शिक्षण रणनीति तैयार की। मैंने इसे यहाँ भी साझा करने का सोचा|



कहानी
पठन हेतु कुछ सुझाव



कक्षा - 2 की पुस्तक कलरव

कहानी का शीर्षक - टपका का डर  ( पाठ – 05 )

बरसात का दिन था । चारों ओर पानी बरस रहा था । दादी मां का घर भीग रहा था ।  जल्दी ही छप्पर  से पानी टपकने   लगा । दादी मां परेशान हो उठीं , परंतु करती भी क्या ? छप्पर पुराना था ।

 

थोड़ी देर में ओले भी पड़ने लगे । बेर बराबर ओले ! उधर एक बाघ ओलों की मार से परेशान हो उठा । कूदते फाँदते  वह दादी मां के घर के पास पहुंचा ।

 

दादी माँ अंदर भात बना रही थीं ।  चूल्हे पर पानी टपक रहा था टप-टप, टप-टप व । वह झुँझला उठी और बोलीं -  मुझे टपका से जितना डर लगता है  उतना तो बाघ से भी नहीं ।"बाघ ने सोंचा -  यह मुझसे तो नहीं डरतीं,  मगर टपका से डरती हैं तब का जरूर मुझसे भी बड़ा कोई जानवर होगा ! बस,  यह सोचते ही बाघ घबराया और सिर पर पैर रखकर  भागा ।



प्रश्न निर्माण

प्रश्न की श्रेणियां

प्रश्न

कहानी सुनाने के

पहले

1. आप लोगों के घर मे छप्पर किसके यहां है ?

2. बच्चों क्या आपने कभी बरसात के साथ ओले पड़ते देखे हैं ?

3. क्या आपने कभी ओलों की मार खाई है ?


कहानी सुनाने

के दौरान


1. बच्चों , बताओ आप लोगों ने ओले कितने कितने बड़े देखे हैं ?

2. अच्छा बताओ , भात किसने किसने खाया है ?

3. भात किस अनाज से बनाया जाता है ?


कहानी के बाद


1. बच्चों बताओ दादी माँ क्यों परेशान थीं ?

2. बाघ भाग क्यों गया ?

3. पिताजी की माँ को दादी कहते हैं , आप लोग अपने पिताजी की माँ को क्या कहकर बुलाते हो ?

 



आशा है इस विधि से हम बच्चों का भाषा विकास कर पाएंगे और इसके साथ ही कहानी को बेहतर ढंग से बच्चों को पढ़ा पाएंगे । प्रश्नों का उपयोग कर पाएंगे और बच्चों में चिंतन का विकास कर पाएंगे । यदि मेरा विचार आपको प्रयोग करने योग्य लगे तो आगे भी शेयर करें । 

About the author

Satya Pal Singh is an Academic Resource Person or a teacher educator in India. Any views expressed are personal.

pradeep negi 4 year ago

nice

Sunita Srivastava 4 year ago

great sir

Satya Pal Singh 4 year ago

Thank you Gurushala.