Dear Diary आज कितनी उपयोगिता में है हिन्दी?
By Sunita Srivastava
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भारत के विकास में हिंदी का योगदान अति महत्वपूर्ण है | यदि हम भारत को विकसित देश के रूप में देखना चाहते हैं तो हिंदी के महत्त्व को हम सबको समझना होगा | ” राधे - राधे से लेकर नमस्ते तक “ हिंदी न सिर्फ की  भारत की पहचान है बल्कि ये हमारे जीवन मूल्यों , संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक ,संप्रेषक और परिचायक भी है | बहुत सरल,सहज और सुगम भाषा होने के साथ विश्व की संभवता सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने ,बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्यां में मौजूद हैं |

“निज भाषा उन्नति अहै ,सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा ज्ञान के ,मिटत न हिय को सूल |”

देश की तकनीकी और आर्थिक समृद्धि के साथ साथ अंग्रेजी पूरे  देश पर हावी होती जा रही है |हिंदी जानते हुए भी लोग हिंदी में बोलने ,पढ़ने या काम करने में हिचकिचाने लगे हैं | 14  सितम्बर 2017 को राजभाषा विभाग  द्वारा आयोजित नयी दिल्ली में विज्ञान भवन में हिंदी दिवस समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा- हिंदी अनुवाद की नहीं बल्कि संवाद की भाषा है किसी भी भाषा की तरह हिंदी  मौलिक सोच की भाषा है | इसी दिन राजभाषा विभाग के द्वारा सी डैक के द्वारा तैयार लर्निंग इंडियन लैंग्वेज विद आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ( लीला ) के मोबाइल ऐप चालू किया गया | लीला मोबाइल ऐप द्वारा हिंदी की उपयोगिता को बढ़ावा भी मिला |


हिंदी की उत्तरोतर उन्नति हेतु इस क्षेत्र में किये गए प्रसंशनीय कार्यो हेतु राजभाषा कीर्ति पुरस्कार ,राजभाषा गौरव पुरस्कार प्रदान किया जाता है |केंद्र सरकार  के कार्यालयों में हिंदी का अधिकाधिक उपयोग हेतु राजभाषा विभाग द्वारा वेब आधारित सूचना प्रबंधन प्रणाली विकसित की गयी | हिंदी के माध्यम से बेहतर जन सुविधाएं  एवं विकास योजनाएं तथा नागरिक सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं | विदेश मंत्रालय द्वारा विश्व हिंदी सम्मलेन और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के माध्यम से हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर लोकप्रिय बनाया जा रहा है | यूनेस्को की सात भाषाओँ में हिंदी को मान्यता मिली है संयुक्त राष्ट्र महासभा में हमारे प्रधानमंत्री ने हिंदी में ही अभिभाषण किया था | सभी भारतीय भाषाओं की बड़ी बहन होने के नाते विभिन्न भाषाओं के उपयोगी प्रचलित शब्दों को अपने में समाहित करके सही मायनो में  भारत की संपर्क भाषा होने भूमिका निभा रही है |


गुरु रविंद्र नाथ टैगोर ने कहा था -भारतीय भाषाएँ नदियाँ हैं और हिंदी महानदी |

सच कहा गया है -"हम अनपढ़ नहीं हैं साहब……. मुझे हिंदी में लिखना उतना ही अच्छा लगता है जितना माँ के हाथ का खाना "|

वर्तमान शोध में यह पाया गया है कि इंटरनेट की दुनिया में गुणात्मक रूप से वृद्धि करने वाली भाषा हिंदी है | आज पूरी दुनियाँ में 175  से अधिक विश्व विधायालयों में हिंदी भाषा पढ़ाई जा रही है तथा ज्ञान -विज्ञान की पुस्तकें पुस्तकें हिंदी में लिखी जा रही है |


इन सबके बावज़ूद आज हिंदी उतनी उपयोगिता में  नहीं है, जितनी  होनी चाहिए | आज के तकनीकी युग में विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाये तो देश की प्रगति में ग्रामीण जनसँख्या की भागीदारी भी सुनिश्चित हो सके | हमारे देश के युवा जो हिंदी भाषा के माध्यम से शिक्षित होते हैं उन्हें भी रोज़गार के अधिक अवसर मिल सके ताकि उन्हें ये न महसूस हो कि हम किसी से कम हैं |


"हम भारतीयों की शक्ति है हिंदी  , एक सहज अभिव्यक्ति है हिंदी "|

आज के युग जब अंग्रेजी हम पर हावी है ,हमें हिंदी को आगे बढ़ाना होगा और ये तभी होगा जब हम इसका प्रयोग करेंगे | विश्व हिंदी सचिवालय विदेशों में भी हिंदी को बढ़ावा देने व आधिकारिक भाषा बनाने हेतु कार्यरत है तो हम भारतीय होकर भी हिंदी भाषा को बोलने में हिचकिचाते क्यों हैं ? इसे अंग्रेजी भाषा से कमतर क्यों समझते हैं ?

ये अब हम सब के लिए विचारणीय प्रश्न है:   

कह कैदी कविराय ,
विश्व की चिंता छोड़ो ,
पहले घर में ,
अंग्रेजी के गढ़ को तोड़ो |

About the author

Sunita Srivastava is a Science Teacher of the Junior Section in the Basic Education Department. She is currently posted in K.P.M.V Oel, Behjam, Lakhimpur-Kheri. Any views expressed are personal.

sonii 10 mon ago

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sonii 10 mon ago

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