The Necessity of Providing Sex Education
मुश्किल दौर में भी यदि आगे चलते जाने का हौसला बना रहे तो कठिनाइयां हावी नहीं होती हैं। चुनौतियों को स्वीकार कर आगे बढ़ने का नाम ही जीवन है। विषम परिस्थितियो में भी निरन्तर आगे बढ़ते रहने वाले लोगों की अंतः प्रेरणा मजबूत होती है, जो उन्हे कभी हारने नहीं देती है।
कैसे जगायें अंतः प्रेरणाः-
* कुछ समय एकान्त में बैठें। वह समय केवल स्वंय को दें। उस समय में वह करें, जो आपको स्फूर्ति और ताजगी देता हो।
* प्रेरणादायक व मन-पसन्द संगीत सुनें। यह आपको आशावान बनाता है और दिमाग को शान्त करता है।
* किताबें पढ़ने में रूचि है तो खाली समय में किताबें जरूर पढें। यह आपका मनोबल बढाने में सहयोगी होगा। सफल लोगों की जीवनी जरूर पढ़ें क्योंकि यह आपको बीच राह में थककर रूकने नहीं देगी और सफलता के लिए राह दिखायेगी।
* नियमित रूप से व्यायाम और योग करें। यह नियमितता आपका स्वयं पर विश्वास मजबूत करती है।
* दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहें। क्योंकि किसी को कुछ देने या सहयोग करने का भाव आपको हमेशा प्रेरित करता है।
* जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण बनाए रखें। यह आपको मुसीबत के समय धैर्य रखने की प्रेरणा देता है।
* ईश्वर को सदैव धन्यवाद देते रहें कि उसने हमें मानव रूप दिया। यह भाव आपको मजबूत करता है और नकारात्मक विचारों से दूर रखता है।
* अपने किसी खास मित्र से अपने सपनों के बारे में चर्चा जरूर करते रहें क्योंकि जब आप अपने जीवन के उद्देश्यों को बार-बार दोहराते हैं, तो आप उन लक्ष्यों को प्राप्त करने की योजनाओं पर भी निरन्तर कार्य करने लगते हैं।
यदि अंतः प्रेरणा का अभाव हो तो आप जो जैसा चल रहा है, उसको उसी रूप में स्वीकार कर लेते हैं, और यह भाव आपके अन्दर समझौते की भावना विकसित करते हुए थकान उत्पन्न कर देता है। आप कई बुरी आदतों के आदी हो जाते हैं। आप पुरानी नाकामयाबियों का बोझ ढ़ोते रहते हैं और आपके हल्के-फुल्के प्रयास स्वतः ही असफल होते रहते हैं। आपको काम कोे टालने की आदत हो जाती है और अपनी प्रगति के प्रति गम्भीर नहीं रहते हैं।
आपको जानना चाहिए कि सफल लोगों की सफलता का राज उनकी अंतः प्रेरणा ही है। ऐसा नहीं है कि जो आज सफल हैं उनके सामने कभी कठिनाई नहीं आई होगी या वह कभी निराश नहीं हुआ होगा। निश्चित ही उसके सामने यह समय भी आया होगा परन्तु उस सफल व्यक्ति ने असफलता से समझौता करना स्वीकार ना करके स्वंय को मजबूत बनाया होगा और असफलता के कारणों पर कार्य करते हुये खुद को सफलता के शिखर पर ले गया होगा और सबसे खास बात यह है कि सफलता के शिखर पर पहुँचकर भी वह विश्राम नहीं कर रहा होता अपितु वह अपनी अनुशासित जीवन शैली के अनुसार ही आज भी चल रहा होगा।
अतः हमें अपने जीवन शैली में सदैव बेहतर का प्रयास करते ही रहना चाहिए। जीवन को आसान बनाने के स्थान पर हमें स्वंय को मजबूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
कल्पना राजौरिया
जनपद-फिरोजाबाद।
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